मँग लो मुरादा ओम शहंशा तो आन के,
झोलियाँ भरा लो रूप राम जी दा जान के,
मँग लो मुरादा ओम शहंशा तो आन के,
झोलियाँ भरा लो रूप राम जी दा जान के,
खोल के भंडारे बैठी ओम सरकार है, नाम ले लेके आवाजा रही मार है,
मन रंगवा लो ओम शहंशा तो आ के,
मँग लो मुरादा ओम शहंशा तो आन के,
झोलियाँ भरा लो रूप राम जी दा जान के,
रोबदार पग बापू शेरन के शेर है,
अपने प्यारया ते करि जांदे महेर है,
कोल रख लैंन्दे ओम अपना पहचान के,
मांग लो……..
कल्ले कल्ले अँग बिखराये बापू ओम ने,
भाग नंदाचौर नू लगाये बापू न ने,
भाग चमका लो ओम शहंशा तो आन के,
मँग लो………
ओम ओम बोल करि जांदे भरपूर है,
रब साढे कोल लोकी अवै केहन्दे दूर है,
सचो सच केहा सुखदेव ने पहचान के…….
मँग लो मुरादा ओम शहंशा तो आन के,
झोलियाँ भरा लो रूप राम जी दा जान के,