💖 सतगुरु की सीखः 💖
जब कुआँ खोदना शुरू करो तो
पहले
मिट्टी कीचड़ की खुदाई मिलती है
फिर
गन्दा, मिट्टी से भरा पानी
और
अंत में और प्रयास करने पर
साफ़ जल प्राप्त होता है।
ऐसे ही सिमरन जितना अधिक होता जाता है
मन का दर्पण भी उतना ही साफ़ होता जाता है और
जब एक दम साफ़ हो जाता है तो प्रेम उछाले भरने लगता है।
और
एक दम साफ़ दर्शन भी हो जाते हैं।
इसमें जीव की कमाई कम और सतगुरु की कृपा ज्यादा काम करती है।
इसलिए सिमरन में कभी नागा ना डाल के उसमे लीन होते चले जाओ।
“गुरुदेव के हर फैसले पे खुश रहो”
क्यूँकि
“गुरुदेव वो नही देते जो आपको अच्छा लगता है”
बल्कि
“गुरुदेव वो देते हे जो आपके लिये
अच्छा होता है।
जिस तरह सुई में धागा डालने
से वो कहीं खोती नहीं
उसी तरह आत्मा रूपी सुई में यदि
सिमरन रूपी धागा डाला जाये
तो वह भी संसार में कभी नहीं खो सकती।
सतगुरु उस धागे को हमेशा अपने हाथ में पकड़ कर रखते हैं।
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