अगर संत कुछ करामात दिखा कर लोगों को अपना शिष्य बनाना चाहें, तो सब लोग उनके पीछे दौड़ने लगें। क्योंकि उनके लिए कहीं किसी मुर्दे को जिंदा करना या कहीं किसी अंधे को आंखें देना कोई मुश्किल काम नहीं है। पर नहीं। संतों का यह मार्ग नहीं है।
फिर भी यह सत्य है कि जहां भी इत्र की दुकान होगी, वहां का वायुमंडल सुगंध से भर जाएगा। इसी तरह जहां कहीं भी संत रहते हैं, भले ही वह कोई करामात न दिखावें, फिर भी लोग जान जाते हैं कि उनमें कुछ असाधारण शक्ति है।