जो वी माँगना है
जो वी मांगना है बापू कोलो मँग ले, के दुनिया तो की माँगना,
एदे रंगा विच तन मन रंग ले, के माया विच की रंगना।
एदे भरया भंडारा विच तोड़ ना, एदे रेहमता दे सोने विच खोट न,
ऐथे श्रद्धा दे फुला दी ही लोर है, एक माँगिये ते मिलदा करोड़ है,
ऐनु जितने दा सिख पहले ढंग वे, एदे रंगा विच तन मन रंग वे,
के माया विच की रंगना…….
जो वी मांगना है बापू कोलो मँग ले, के दुनिया तो की माँगना,
एदे रंगा विच तन मन रंग ले, के माया विच की रंगना।
ऐथे नाम दी गंगा पई वगदी, ओह ता तर गय जिन्हानै ला लाइ डूबकी,
ऐथे सेवा ते सिमरन दी लोर है, बापू बैठा खज़ाने ऐथे खोल है,
पंजा विषया नू पेहले दे तू तज वे, एदे रंगा विच तन मन रंग ले
जो वी मांगना है बापू कोलो मँग ले, के दुनिया तो की माँगना,
एदे रंगा विच तन मन रंग ले, के माया विच की रंगना।
एदे दर दा जो बन्दा फ़क़ीर है, जागी ओह्ना दी ही सुति तकदीर है,
ऐथे कोई भेद भाव ना ही वंड है, पैंदी भक्ता दे दिला विच ठण्ड है,
एदे दर दा तू बन जा मलंग वे, एदे रँगा विच तँ मन रंग वे……..
जो वी मांगना है बापू कोलो मँग ले, के दुनिया तो की माँगना,
एदे रंगा विच तन मन रंग ले, के माया विच की रंगना।