दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
जो भी दुखिया दर पे आया
दया से दामन भरते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
जिसने आकर दर्द सुनाया
द्रष्ट दया की कर डाली
जो भी द्वारे पर मांगने आया
दया से झोली भर डाली
सुख को देने वाले सतगुरु
दुःख सभी का हरते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
जीवन की हर उलझन को
उन्होंने खुद सुलझाया था
ॐ ॐ कहलाकर सबको
मुक्ति धाम पहुँचाया था
इनके शिष्य को हाथ लगे ना
धर्मराज भी डरते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
कहीं नहीं है गए बापू जी
चोला लेकिन बदल लिया
अपना रूप बापू सुभाष में
जाते समय उतार दिया
जैसे अब हैं, ऐसे ही पहले
ध्यान संगत का करते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
माँ पार्वती के ग्रह आकर
जग को रोशन कर डाला
हेमराज पिता का खज़ाना
राम नाम से भर डाला
सच कहे सुखदेव, बापू जी
वचन व्यास से करते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
जो भी दुखिया दर पे आया
दया से दामन भरते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
जिसने आकर दर्द सुनाया
द्रष्ट दया की कर डाली
जो भी द्वारे पर मांगने आया
दया से झोली भर डाली
सुख को देने वाले सतगुरु
दुःख सभी का हरते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
जीवन की हर उलझन को
उन्होंने खुद सुलझाया था
ॐ ॐ कहलाकर सबको
मुक्ति धाम पहुँचाया था
इनके शिष्य को हाथ लगे ना
धर्मराज भी डरते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
कहीं नहीं है गए बापू जी
चोला लेकिन बदल लिया
अपना रूप बापू सुभाष में
जाते समय उतार दिया
जैसे अब हैं, ऐसे ही पहले
ध्यान संगत का करते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे
माँ पार्वती के ग्रह आकर
जग को रोशन कर डाला
हेमराज पिता का खज़ाना
राम नाम से भर डाला
सच कहे सुखदेव, बापू जी
वचन व्यास से करते थे
दया किशन, दया के सागर
दया हर इक पे करते थे