मंग लो मुरादां
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
झोलियाँ भरा लो – झोलियाँ भरा लो रुप राम जी दा जानके
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
खोल के भण्डारे बैठी ओम सरकार है
नाम लै लै के अवाज़ा रही मार है
मन रंगवा लो – मन रंगवा लो ओम शहंशा तो आनके
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
रोब दार पग बापू शेरन के शेर है
अपने प्यारा ते करी जांदे मेहर है
कोल रख लैंदे – कोल रख लैंदे ओम अपना पहचान के
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
कले कले अंग विखराए बापू ओम ने
भाग नन्दाचैर नू लगाए बापू ओम ने
आ जाओ भाग चमकालो – भाग चमकालो ओम शहंशहा तो आन के
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
ओम बोल बोल करी जांदा भरपूर है
रब साडे कोल लोकि ऐवें कहन्दे दूर है
सच्चो सच कैया – सच्चो सच कैया सुखदेव ने पहचान के
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
झोलियाँ भरा लो – झोलियाँ भरा लो रुप राम जी दा जानके
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके
मंग लो मुरादां ओम शहंशहा तो आनके