“मेरे बापू”
हज़ारों ऐब हैं मुझमें,नहीं कोई हुनर बेशक,
मेरी ख़ामी को तू ख़ूबी में तब्दील कर देना ।
मेरी हस्ती है एक खारे समंदर सी मेरे दाता,
तू अपनी रह्मतो से इसको मीठी झील कर देना।
💐जय बापू दी💐
कोई ऐसी सेवा सौंप मुझे
“मेरे बापू”
जिसको में निभा सकूँ । ।
हर मोड़ पर मिले तू और मैं सिर झुका सकूँ । ।
💐जय बापू दी 💐