
“मुझे तैरने दे या
फिर बहना सिखा दे,
अपनी रजा में
अब तू रहना सिखा दे,
मुझे शिकवा ना हो
कभी भी किसी से,
ऐ बापू मुझे सुख और
दुख के पार जीना सिखा दे…
“मुझे तैरने दे या
फिर बहना सिखा दे,
अपनी रजा में
अब तू रहना सिखा दे,
मुझे शिकवा ना हो
कभी भी किसी से,
ऐ बापू मुझे सुख और
दुख के पार जीना सिखा दे…