Om Bapu Narayan Dutt Ji Maharaaj
श्री प्रभु दयाल और श्रीमती गुलाब देवी के घर ज्येषठ मास की 13 तारीख संवत् 1902 विं को श्री ओम नारायण दत महाराज जी का जन्म हुआ। उनके परिवार पर इश्वर की विशेष कृपा दी इसीलिए उस देवतुल्य दम्पति को ईश्वर ने श्री ओम नारायण दत के रुप में विशेष प्रेम से नवाज़ा। ओम जी जन्म से ही ध्यान सिद्ध एवं तीव्र मेधा के स्वामी थे। अति अल्प समय में ही उन्होंने संस्कृत, उर्दू, गुरुमुखी, अरबी और फारसी भाषाओं का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया। ओम जी ने चारों वेद, छः शास्त्र, अठारह पुराण और कुरान आदि धार्मिक ग्रंथो का सम्पूर्ण अध्ययन किया। वह अपना अधिकांश समय हरि स्मरण, साधना और उपासना में व्यतीत करते थे।
आप मुक्त मुक्तारे संसार
वे आप मुक्त होते हैं और जो उनके सम्पर्क में आएगा उनका भी वो निस्तार कर देते हैं। ओम जी महाराज का संसार में आने का भाव यही रहा कि जन-जन में ऊँ नाम का उच्चारण कर, ऊँ नाम का सिमरण करा कर आत्मबोध करवाना और इन्सान को वास्तविक रूप में जो इंसानी जामा मिला है उसका निष्कर्ष बताना कि ‘‘भाई क्यों आया संसार में? तेरा संसार में आने का लक्ष्य क्या है? तेरा कत्र्तव्य क्या है? तुझे क्या करना है? क्या नहीं करना है।’’
-प्रभुकृपामूर्ति बापू हरभगवान जी महाराज गद्दीआसीन श्री ओमदरबार नन्दाचैर
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Name: | Bapu Om Narayan Dutt Ji Maharaj |
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Darbar | Shri Nandachaur Dham |
Father's Name: | Pita Prabhu Dyal jI |
Mother's Name: | Mata Gulab Devi jI |
Date Of Birth: | 13 Jeth Samvat 1902 Vikrami (26 May 1845 A.D.) |
Place Of Birth: | Village Nandachaur, Distt. Hoshiyarpur, Punjab (India) |
Author of: | Kalid-ul-kalab |
Naam Dikhsa by: | Bapu Jwala Singh Ji Maharaj |
Special Contribution: | Founder of Shri Om Darbar Nandachaur (1904 A.D.) |
Disciples: | Bapu Thakur Dass Ji Maharaj (Darbar Lambra), Bapu Harnam Ji Maharaj (Darbar Nandachaur), Bapu Gosain Ram Lal Ji Maharaj (Darbar Amritsar) |
Jyoti Jyot: | 25th Jeth Purnima (7th June 1912 A.D.)Village Nandachaur |