आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,
आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,
सिफ़त उसदी की सुनावा, नाम श्रद्धाराम बतावा, चमके जो हिरा लाल जवार, एक शहाना योगी।
आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,
चन तू वध ठंडी मीठी, सूरत सोनी न ढिति, करदे मुख तू सोनी गुफ्तार, एक शहाना योगी।
आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,
झंडा है हत्थी लगाया, सँगता नू तारण आया, तारे कई लखा बेशुमार , एक शाहना योगी।
आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,
रोटी एह किथु खंदे, कपड़ा ह किथु पावन, किथु एह बनन्दे ने दस्तार, एक शहाना योगी।
आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,
सुरमा एह हत्थी बनावन, उस विचू रोटी खावण, उस विचू बनन्दे ने दस्तार, एक शाहना योगी।
आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,
दास हाथ जोड़ खलोवे, भूल चूक तवातू बक्शावये, बक्शो मैनू मेरी सरकार, एक शहाना योगी,
आया है बापू दे दरबार एक शहाना योगी, एक शहाणा योगी, एक मस्ताना योगी,,,,