सोहना सजया, सोहना सजया, मेरे बापू दा द्वारा कितना सोहना सजया।
सोहना कर के श्रृंगार बैठे गुरु महाराज, साडा देख देख के दिल रजया।
सोना सजया……
अर्षा तू देवते वी आये ने, ओह्ना आके जैकारे लाये ने, ओह्ना कीता परनाम
वेख हो गए हैरान, आज स्वर्ग एदे आगे फीका लगया। सोना
सजया……
दुरो दुरो सँगता आइयाँ ने, एक दूजे नय देन बधाइयां ने, कोई नचे कोउ गावे
कोई जयकारे लगावे, आज हर कोई एदे रंग विच रंगया।
सोना सजया….
सानू नंदाचौर सोना लगदा है, ऐथे ओम बापू मेरा वसदा है, जेहरा आवे एक वार
ओह ता पावे सुख आपार, सानू गुराँ दे दीदार विचू रब लबया।
सोहना सजया…….