तेरे चरणों से मैं लगी रहूं।
मुझे और कुछ नहीं चाहिए, तेरे चरणों से मैं लगी रहूं।
जो भला किसी का ना कर सकू, तो बुरा किसी का न हो कभी। बस एक यही मेरी प्राथना, तेरे चरणों से मैं लगी रहूं।
मुझे अपना दुःख तिल भर लगे, औरो का दुःख पर्वत लगे, परवर पिता जी दया करो, जो मैं हर किसी की दवा बनु, मुझे और कुछ……
मेरी वासनाओ को तोड दो, मेरे जीवन को थोड़ा मोड़ दो, तेरे नाम का सिमरन सदा, हर पल यही मैं किया करु, मुझे और कुछ…….
तेरे भक्तो का सदा साथ हो, मेरे सिर पे तेरा हाथ हो, तेरे नाम का अमृत सदा, तेरे भक्तो से मैं पिया करु, मुझे और कुछ ……..