उचया मंदरा वाल्या बापू
उचया मंदरा वाल्या बापू पादे खैर फकीरा नू….
जग विच आके मस्तक वालिया लिखियाँ दुःख तक़दीरा नू।
कोई रेख ते मेख लगाओ, मेरी बिगड़ी झट बनाओ, कोई भर के जाम पीला दो, भूल्या फिरा शरीरा नू।
उचया मंदरा……
मैनु दात नाम दे पाओ, मेरी अखंड समाधि लगाओ, मेरा बन्ने लाओ, बक्श दयो तकदीरा नू,
उचया मंदिरा ……
मैं हाँ पापी अवगुणः हारा, मैनु आके देवो सहारा, तू है बापू जी बक्शनहरा, कट्टो सब जंजीरा नू,……
उचया मंदरा …….